ନାଗ ଚତୁର୍ଥୀ ବା ନାଗଲ ଚତୁର୍ଥୀ
ନାଗ ଚତୁର୍ଥୀ:
ହିନ୍ଦୁ ଧର୍ମରେ ନାଗ ଚତୁର୍ଥୀ ହେଉଛି ସାପ ବା ସର୍ପ ଉପାସନା ପାଇଁ ଉତ୍ସର୍ଗୀକୃତ ଏକ ପର୍ବ । ଭକ୍ତମାନେ ଏହିଦିନ ଶିବ ମନ୍ଦିର କିମ୍ବା ସାପ ହୁଙ୍କା ପରିଦର୍ଶନ କରି, ସେଠାରେ ପୂଜା ଉପାସନା ଓ କ୍ଷୀର ଦାନ ଆଦି କରନ୍ତି । ସାପ, ଯାହାକି ପ୍ରାୟତଃ ଭଗବାନ ଶିବଙ୍କ ସହ ଜଡିତ, ଏଣୁ ଏହାକୁ ଶୁଭ ବୋଲି ବିବେଚନା କରାଯାଏ ଏବଂ ଏହି ପୂଜା ସାପ କାମୁଡ଼ାରୁ ରକ୍ଷା କରିବାର କ୍ଷମତା ରଖୁଥିବା ର ବିଶ୍ୱାସ କରାଯାଏ | ନାଗ ଚତୁର୍ଥୀ ରେ, ମାନବ ଏବଂ ପ୍ରକୃତି ମଧ୍ୟରେ ସମ୍ପର୍କ ରହୁଥିବାରୁ, ହିନ୍ଦୁ ପରମ୍ପରା ରେ ଏହି ଦିନର ବିଶେଷ ଗୁରୁତ୍ୱ ରହିଛି |
Naga Chaturthi:
Devotees, on Naga Chaturthi, visit Naga temples or sacred groves where snake idols or images are enshrined. They offer prayers, milk, and sometimes perform elaborate rituals to seek the blessings of the Nagas. The serpent deity, often associated with Lord Shiva, is considered auspicious and believed to protect against snake bites and bring prosperity.
Naga Chaturthi is especially observed in regions with a strong tradition of serpent worship, and it reflects the cultural diversity within Hinduism. The festival emphasizes the harmonious relationship between humans and nature, symbolized by the reverence for snakes, which are considered both powerful and benevolent in Hindu mythology.
नाग चतुर्थी:
नागा चतुर्थी 2023 क्या है?
यह दिन सभी नागों (सर्प देवताओं) की पूजा के लिए मनाया जाता है। लोग पूजा करते हैं और नागों की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। नागुला चविठी को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, नागा चतुर्थी का आयोजन १७ नवंबर, शुक्र बार, २०२३ को होगा।
1. **तिथि और समय:** नाग चतुर्थी, हिन्दू धर्म में सर्पों या नागों की पूजा के लिए समर्पित एक त्योहार है। यह श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की चौथी तिथि को होता है (सामान्यत: जुलाई या अगस्त)।
2. **धार्मिक महत्व:** नाग चतुर्थी हिन्दू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण है और इसे विभिन्न धार्मिक आचरण और अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है।
3. **पूजा और अर्चना:** भक्तजन, नाग चतुर्थी के दिन, नाग मंदिर या पूज्य नागों के स्थानों पर जाते हैं। वहां पूजा, दूध, और कभी-कभी विस्तृत अर्चनाओं के माध्यम से नागों से आशीर्वाद मांगते हैं।
4 - **धूप और दीप:** भक्तजन धूप और दीप जलाकर नागों की पूजा करते हैं, जो उन्हें आशीर्वाद और सुख-शांति प्रदान करने का संकेत है।
5 - **दूध की अर्पण:** नागों को दूध की अर्पण करना इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
6. **नाग पूजा का महत्व:** सर्प देवता, जो अक्सर भगवान शिव से जोड़ा जाता है, शुभ माना जाता है और इसे साँप के काटने से रक्षा करने और समृद्धि लाने की क्षमता से युक्त माना जाता है।
7. **पर्यावरणीय महत्व:** नाग चतुर्थी में मानव और प्राकृतिक संबंध की मिलानबट को उजागर करने के लिए हिन्दू सामाजिक संस्कृति में विशेष महत्वपूर्णता है।
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